Thursday 10 August 2017

चीनी - पाकिस्तानी भाई भाई!

चीन, आतंकवादी सरगना एवं JeM (Jaish-e-Mohammed) मुखिया मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का बार बार विरोध करता आया है. चीन का पाकिस्तान प्रेम समझ में आता है। किन्तु अपना भारत विरोध दर्शाने के लिए एक खूंखार आतंकवादी का समर्थन करना समझ से परे है।

चीन के घोर भारत विरोधी रवैये का विकृत रूप पिछले कुछ हफ़्तों से डोकलाम पर दिख रहा है. अपनी सेना को पीछे हटाकर पूर्व स्थिति बरक़रार रखने के बजाय चीन भारत को धमकी दे रहा है। इतना ही नहीं,चीन ने उत्तराखंड या काश्मीर के मार्फ़त भारत में घुसने की धमकी तक दे डाली। ऐसा दुस्साहस करने का दम चीन या उसकी सेना में नहीं है,यह चीन खुद जनता है।

या फिर चीन ने दूसरी लफ़्ज़ों में इशारा किया है की ISI के गुर्गों द्वारा कश्मीर में जो छद्म युद्ध विफलतापूर्वक छेड़ रखा है उसे चीन आगे बढ़ाएगा?

वास्तव में, भारत आर्थिक एवं सामरिक दृष्टी से एक वैश्विक सुपर पावर बन कर उभर रहा है, इस सच्चाई को चीन पचा नहीं पा रहा है। इसीलिए भारत विरोधी आतंकवादियों का समर्थन कर, सीमा पर गतिरोध उत्पन्न कर और धमकानेवाला बयान देकर, चीन भारत के प्रति अपनी भड़ास निकाल रहा है।

भारत सरकार, जनता और सेना ऐसी भद्दी धमकियों से डरने वाले नहीं है. डोकलाम में भी हमारी सेना ने पीछे न हट कर किसी भी स्थिति का सामना करने का अपना मज़बूत इरादा चीन के सामने पेश किया है. हमारे सब्र को कमजोरी समझ कर दुस्साहस करना चीन के लिए बहुत महंगा पड़ेगा।

भारतीय जनता का भी दायित्व बनता है की चीन के प्रति अपना क्रोध प्रकट करें, चीनी सामान का बहिष्कार करें। आईये हम प्रण लेते हैं की आने वाले त्योहारों में ही नहीं आगे भी हम चीनी सामान को न खरीदेंगे, बेचेंगे या इस्तेमाल करेंगे।

जय हिन्द..